Monday, 21 July 2025

आने दो आंधियों को, चुभने दो कांटों को

आने दो आंधियों को, चुभने दो कांटों को,
रास्ते मुश्किल हों तो क्या।
रुकना नहीं है हमें।
ज़रूरत पड़ी तो लड़ेंगे भी,
थकने पर आराम भी करेंगे,
लेकिन हार नहीं मानेंगे।

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